Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
गुरुवार को हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को आदेश दिया कि सभी अवैध होर्डिंग हटाने की प्रक्रिया पूरी कर 20 दिसंबर तक अदालत में रिपोर्ट पेश की जाए।
कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट ने बिधाननगर नगर निगम को सख्त निर्देश दिया है कि वह अपने क्षेत्र में लगे सभी अवैध होर्डिंग को दो दिनों के भीतर हटा दे। कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर कोई विज्ञापन एजेंसी इन होर्डिंग्स को हटाने में सहयोग नहीं करती है, तो संबंधित व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जाए और जुर्माना लगाया जाए।
गुरुवार को हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को आदेश दिया कि सभी अवैध होर्डिंग हटाने की प्रक्रिया पूरी कर 20 दिसंबर तक अदालत में रिपोर्ट पेश की जाए। कोर्ट ने चेतावनी दी कि अगर निर्देश का पालन नहीं किया गया, तो दोषियों को कानून के तहत कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
इस साल बिधाननगर क्षेत्र में अवैध होर्डिंग को लेकर अधिवक्ता दिवायन बनर्जी ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता का आरोप है कि नगर निगम की गाइडलाइंस का उल्लंघन कर अवैध रूप से जगह-जगह होर्डिंग लगाए जा रहे हैं। इससे न केवल निगम को राजस्व का नुकसान हो रहा है, बल्कि ये अवैध होर्डिंग हादसों की आशंका भी बढ़ा रहे हैं।
राज्य सरकार की ओर से पेश की गई रिपोर्ट में कहा गया कि क्षेत्र में कुल 351 अवैध होर्डिंग पाए गए हैं। इन होर्डिंग्स को हटाने के लिए संबंधित एजेंसियों को नोटिस जारी किया गया है और अखबारों में भी इसकी सूचना दी गई है।
कोर्ट ने साफ कहा कि अगर विज्ञापन एजेंसियां आदेश का पालन नहीं करती हैं, तो उन पर सख्त कार्रवाई की जाए। कानून के अनुसार, अवैध होर्डिंग लगाने वालों को छह महीने की जेल और 50 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान है।
दरअसल होर्डिंग्स कई बार हादसों का कारण बनते हैं। उन्होंने मुंबई के घाटकोपर की घटना का हवाला देते हुए कहा कि मई 2024 में एक बड़े विज्ञापन बोर्ड के गिरने से 16 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 80 लोग घायल हुए थे।
राज्य सरकार के वकील ने कोर्ट को आश्वस्त किया कि अगर विज्ञापन एजेंसियां समय पर कार्रवाई नहीं करती हैं, तो नगर निगम आवश्यक कदम उठाएगा।